जब भी कोई डर, चिंता या घबराहट होने लगे तो यह संकल्प करें


ओम शांति ।

जीवन में चलते-चलते, कई अनेक ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जिससे हमें डर, चिंता या घबराहट होने लगती है। यह व्यर्थ और नेगेटिव चिंतन या तो पास्ट में की हुई घटना की होती है या फ्यूचर में क्या होगा - यह चिंता सताती है। कई बार यह संकल्प हमारे अंतर्मन में कई दिनों तक, कई महीनों तक चलते हैं, तो इन नेगेटिव संकल्पों में हमारी एनर्जी वेस्ट होती है। और इन परिस्थितियों में हम सही डिसीजन नहीं ले सकते! तो इन परिस्थितियों में हम ऐसे एक संकल्प का अभ्यास करेंगे, जिसका अभ्यास करते ही हमारे मन में जो भी चिंता, डर और घबराहट है, वह स्वत: समाप्त हो जाएगी और हमारी स्थिति शक्तिशाली बन जाएगी। दिनभर में जब भी समय मिले, इस संकल्प का अभ्यास हमें बार-बार करना है। कुछ ही दिनों की प्रैक्टिस से, इस एक संकल्प का अभ्यास नेचुरल हो जाएगा और स्वत: ही हर परिस्थिति में इस एक संकल्प के आधार से हम पॉजिटिव रहेंगे, शक्तिशाली रहेंगे और सही डिसीजन लेंगे। तो इस एक संकल्प का अभ्यास कैसे करना है, चलिए शुरू करते हैं।

चारों तरफ से सर्व संकल्पों को समेटकर, एकाग्र करेंगे मस्तक के बीच... मैं आत्मा एक पॉइंट ऑफ लाइट... मैं आत्मा एक चमकता सितारा... फील करें... स्वयं भगवान परमात्मा शिवबाबा, हमारे सिर के ऊपर, हमारी छत्रछाया बन चुके हैं... उनके साथ का अनुभव करें... परमात्मा मेरे साथ हैं! अभी अपने मस्तक के बीच पॉइंट ऑफ लाइट पर एकाग्र करें और संकल्प करें, भगवान मेरे साथ हैं! मेरे साथ सब कुछ बहुत अच्छा होगा! भगवान मेरे साथ हैं!! मेरे साथ सब कुछ बहुत अच्छा होगा..!! भगवान के साथ होने से उनकी शक्तियां मेरे साथ हैं! मैं शक्तिशाली हूं... मैं निर्भय हूं... सुरक्षित हूं... स्वयं भगवान मेरे साथ हैं..! मेरे साथ सब कुछ बहुत अच्छा होगा! मैं हर कार्य में सफल हूं, विजयी हूं!

जहां भगवान साथ हैं, उनके सामने अक्षौहिणी सेना भी कुछ नहीं कर सकती! जिसका साथी हो भगवान, उसे क्या रोकेगी आंधी और तूफान! जहां बाप साथ हैं, वहां कोई कुछ कर नहीं सकता.! हमारी विजय हुई पड़ी है... भगवान मेरे साथ हैं, मेरे साथ सब कुछ बहुत अच्छा होगा! भगवान अपने बच्चों को सदा तन से, मन से और धन से सहज रखेंगे, यह बाप की गारंटी है!

ओम शांति।