यदि जीवन में बहुत विघ्न या कष्ट हैं... तो बस 12 दिन इस विधि से एक घंटा अमृतवेले मेडिटेशन करें


ओम शांति ।

अमृतवेला वरदानी वेला है! यह वेला परमात्मा मिलन की है। हम जो चाहें, परमात्मा से ले सकते हैं। हम जो संकल्प करेंगे, वह सिद्ध होगा। हम जीवन में जो भी चाहते हैं, वह चाहे कोई क्षेत्र में सफलता हो, धन की कोई प्रॉब्लम हो, संबंधों में कुछ टकराव हो, कोई बीमारी हो या मन की कोई भी उलझन, टेंशन हो, वह इस वेला में मेडिटेशन करने से, योग करने से स्वत: समाप्त हो जाएगी। हम जीवन में जो भी चाहते हैं, वह स्वत: होगा।

अथर्ववेद में लिखा है - ब्राह्मे मुहूर्त: उठिस्तते, स्वस्थो: रक्षार्थम अवश्य।। अर्थात जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है, जीवन में वह व्यक्ति हेल्थ, वेल्थ और हैप्पीनेस से भरपूर बनता है। वह सभी रोगों से, सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है!

आज भक्ति मार्ग में भी अनेक ऐसे संस्थाएं हैं, जो अमृतवेला भजन करते हैं, भगवान को याद करते हैं। उनके अनुभवों के आधार पर भी हमने देखा है, हजारों लाखों आत्माओं के कष्ट दूर हुए हैं। इसी प्रकार पश्चिमी वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन कहते हैं:- "Early to bed and early to rise, makes a man, healthy, wealthy and wise." अर्थात, जो व्यक्ति जल्दी सोता है, जल्दी उठता है, वह व्यक्ति हेल्थ और वेल्थ से भरपूर बनता है।

परमात्मा कहते हैं - "बच्चे तुम सिर्फ अपना अमृतवेला ठीक करो, मैं तुम्हारा सब कुछ ठीक कर दूंगा!" अव्यक्त मुरली 17 दिसंबर, 1979, परमात्मा कहते हैं - "अमृतवेले बापदादा विशेष बच्चों के प्रति दाता के स्वरूप और मिलन मनाने के लिए सर्व सम्बन्धों के स्नेह सम्पन्न स्वरूप, सर्व खज़ानों से झोली भरने वाले भोले भण्डारी के रूप में होते हैं। उस समय जो भी करना चाहो, बाप को मनाना चाहो, रिझाना चाहो, सम्बन्ध निभाना चाहो, सहज विधि का अनुभव चाहो, सर्व विधियां और सर्व सिद्धियां सहज प्राप्त कर सकते हो!"

इसी प्रकार अव्यक्त मुरली 19 मार्च 1986, परमात्मा कहते हैं- "अमृतवेला विशेष प्रभू पालना का वेला है। अमृतवेला विशेष परमात्म मिलन का वेला है। रूहानी रूह-रूहान करने का वेला है। अमृतवेले भोले भण्डारी के वरदानों के खज़ाने से सहज वरदान प्राप्त होने का वेला है। जो गायन है मन इच्छित फल प्राप्त करना, यह इस समय अमृतवेले के समय का गायन है। बिना मेहनत के खुले खज़ाने प्राप्त करने का वेला है। ऐसे सुहावने समय को अनुभव से जानते हो ना! अनुभवी ही जानें इस श्रेष्ठ सुख को, श्रेष्ठ प्राप्तियों को।"

तो यह अभ्यास चलिए शुरू करते हैं।

ओम शांति! अनुभव करेंगे, मस्तक के बीच में.. मैं आत्मा एक पॉइंट ऑफ लाइट... पूरी तरह से एकाग्र.... अपने देह से न्यारी.. मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं.... पूरी तरह से एकाग्र हो जाएं अपने इस आत्मिक स्वरूप में.... अभी हम विज्वलाइज़ करेंगे परमधाम में परमपिता परमात्मा शिवबाबा.. एक पॉइंट ऑफ लाइट... परमपिता परमात्मा शिवबाबा.. ज्ञान के सागर.. गुणों के सागर.. सर्वशक्तिवान... पापकटेश्वर... मुक्तिदाता... हम उनका दिल से आह्वान करेंगे, "बाबा, मेरे प्यारे बाबा, आ जाओ!" अनुभव करेंगे, हमारा आह्वान स्वीकार कर बाबा धीरे-धीरे नीचे आ रहे हैं... और आ गए हमारे घर में! और अनुभव करेंगे हमारे सिर के ऊपर, हमारी छत्रछाया बन चुके हैं! एकाग्र करें, परमात्मा शिवबाबा ज्योति स्वरूप... बाबा सर्वशक्तिवान... पापकटेश्वर... मुक्तिदाता... "बाबा, हमारे सभी भूलें आप माफ कर, हमें स्वच्छ और पवित्र बनाइए! हमारे सभी विकर्म, जो जाने-अनजाने हुए, वह नष्ट करिए!" और अनुभव करेंगे, परमात्मा शिव ज्योति से एक ज्वाला रूपी अग्नि हमारे आत्मा बिंदु में समाती जा रही हैं... यह ज्वाला स्वरूप किरणें मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं... और मुझ आत्मा को स्वच्छ बना रही हैं.... एकाग्र हो जाएं‌ इस स्थिति में.... हमारे सभी विकर्म, पाप नष्ट हो रहे हैं.... आत्मा पर चढ़ी हुई मैल, नेगेटिविटी समाप्त हो रही है....

अनुभव करेंगे, यह ज्वाला स्वरूप किरणें पूरी तरह से परमात्मा शिवबाबा से कंबाइंड, हमारे सिर के ऊपर उनसे ज्वाला रूपी अग्नि निकल, मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं.... और मुझ आत्मा को सभी दुखों से, समस्याओं से, विघ्नों से‌ मुक्त कर रही हैं.... दो मिनट हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे.... अनुभव करेंगे, मैं आत्मा पूरी तरह से स्वच्छ और संपूर्ण पवित्र बन चुकी हूं.... मुझ आत्मा में विकर्मों की, नेगेटिविटी की कोई मैल नहीं... जैसे बेदाग हीरा चमक रहा है! पूरी तरह से स्वच्छ, पवित्र मैं आत्मा एक चमकता सितारा! सभी पापों से, विकर्मों से, भूलों से मुक्त हो चुकी हूं। मुक्तिदाता बाबा ने मुझे पूरी तरह से मुक्त कर दिया है! मैं पूरी तरह से मुक्त‌ और स्वतंत्र बन चुकी हूं। अनुभव करेंगे, परमात्मा से हम कंबाइंड है.. और उनको हम दिल से शुक्रिया कर रहे हैं!! "बाबा, मीठे बाबा! प्यारे बाबा! मुझे सभी विकर्मों से मुक्त करने के लिए, सभी भूलें क्षमा करने के लिए, हम आपको दिल से शुक्रिया करते हैं!!"

मैं एक खुशनसीब आत्मा हूं... मैं बहुत भाग्यवान हूं... मैं महान हूं... अनुभव करेंगे, हमारे सामने परमपिता परमात्मा शिव बाबा... उनसे दिव्य शक्तियों की किरणें निकल, मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं.... फील करेंगे परमात्म साथ का अनुभव!! उनकी शक्तियों का अनुभव!! निरंतर परमात्मा शिवबाबा से मुझ आत्मा में यह शक्तियों का प्रकाश समाते जा रहा है.... भगवान मेरे साथ हैं... मेरे साथ जो भी हुआ, अच्छा हुआ! मेरे साथ जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है! और आज से मेरे साथ सब कुछ बहुत अच्छा होगा! ड्रामा के हर सीन में कल्याण समाया हुआ है.. भगवान स्वयं मेरे साथ हैं! उनकी शक्तियां मेरे साथ हैं! हर कर्म में मैं सदा शक्तिशाली हूं!

विज्वलाइज़ करेंगे, मेरे साथ सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है... जीवन में मैं बहुत खुश हूं... विज्वलाइज़ करेंगे, मैं बहुत खुश हूं... जीवन में मैं बहुत सुखी हूं... अनुभव करेंगे, जीवन में हमारे साथ सब कुछ बहुत अच्छा हो रहा है! मैं तन से निरोगी हूं, सदा स्वस्थ हूं! बहुत शक्तिशाली हूं! मैं तन से संपूर्ण स्वस्थ हूं! अनुभव करेंगे, हमारा मन शक्तिशाली है... भगवान हमेशा मेरे साथ हैं! मैं बहुत शक्तिशाली हूं! मेरा मन शांत है, हर परिस्थिति में अचल अडोल है! मैं निर्भय हूं! सदा सुरक्षित हूं! फील करेंगे, हम धन से भरपूर हैं... हमारे घर की भंडारी और भंडारे भरपूर हैं... हम ज्ञान धन से और स्थूल धन से भरपूर हैं.. हमारे घर में सुख समृद्धि है। विज्वलाइज़ करेंगे, हमारे सभी संबंध, सभी के साथ रिश्ते बहुत अच्छे हैं! सभी बहुत अच्छे हैं! मैं सबको प्यार देता हूं... सभी बहुत प्यारे हैं... सभी मुझे बहुत दिल से पसंद करते हैं.. मुझे दुआएं दे रहे हैं.. सभी बहुत अच्छे हैं! अनुभव करेंगे, संसार की सभी आत्माएं बहुत अच्छी हैं..... सबका अपना-अपना पार्ट है! सभी अपने आप में विशेष हैं! सभी महान हैं! अनुभव करेंगे, सब कुछ बहुत अच्छा हो रहा है! भगवान मेरे साथ हैं! मेरे साथ जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है... और आज से जो भी होगा, वह इससे भी अच्छा होगा! ओम शांति.....

अनुभव करेंगे, यह परमात्म किरणें सुख, शांति, प्रेम और शक्तियों से भरपूर, पूरे विश्व में फैल रही हैं.... संसार की सभी आत्माओं को यह सुख, शांति और शक्तियों की किरणें मिल रही हैं... इस प्रकाश से वह भरपूर हो रहे हैं... उनके मन की अशांति, दुख, उलझन, समाप्त हो चुकी है... उनका मन शांत हो चुका है! अनुभव करेंगे, यह प्रकाश उनके शरीर को शांत और शीतल कर रहा है... परमात्म किरणों से सभी बीमारियां शांत हो चुकी हैं! प्रकृति के पांच तत्व शांत और शीतल बन चुके हैं!! विश्व की सभी आत्माओं को जो भी आवश्यक पदार्थ, साधन उन्हें प्रदान कर रही हैं.... विश्व की सभी आत्माएं तन, मन और धन से भरपूर हो चुकी हैं... कोई विघ्न नहीं, मन की कोई उलझन नहीं! उनके तन के सभी रोग शांत हो चुके हैं! वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं!

मैं परमात्मा की संतान, मास्टर सर्वशक्तिमान, एक एंजेल हूं... परमात्मा शिवबाबा मुझसे सभी को निरंतर सुख, शांति और शक्तियों का प्रकाश दे रहे हैं... विश्व की सभी आत्माएं सुरक्षित हैं, शांत हैं, शक्तिशाली हैं, संपूर्ण स्वस्थ हैं! इस सुरक्षा कवच में मैं सुरक्षित हूं, स्वस्थ हूं! मैं तन, मन और धन से भरपूर हूं! इस सुरक्षा कवच में मैं सुरक्षित हूं, स्वस्थ हूं! मैं तन, मन और धन से भरपूर हूं!

अब एक सेकंड में पहुंच जाएं सूक्ष्म वतन में... चारों तरफ सफेद प्रकाश... सामने मेरे बापदादा.. मुझे दृष्टि दे रहे हैं... उन्होंने अपना वरदानी हाथ मेरे सिर के ऊपर रख दिया है... उन हाथों से प्रेम का प्रकाश निकल मुझमें निरंतर समाते जा रहा है.... मुझे वरदान दे रहे हैं - अशरीरी भव... सदा सुखी भव... फील करेंगे, मैं संपूर्ण प्रेम की किरणों से भरपूर हो चुका हूं!

अभी बापदादा के साथ में बैठ जाएं और सूक्ष्म वतन में ही सामने इमर्ज करेंगे उन आत्माओं को, जिन्होंने हमें दुख दिया हो.. वह चाहे हमारे फैमिली मेंबर्स हों, या कर्म क्षेत्र में कोई फ्रेंड्स हों.. इमर्ज करेंगे सामने इन आत्माओं को.. इसी के साथ हम इमर्ज करेंगे उन आत्माओं को भी, जिन आत्माओं ने हमें कोई पिछले जन्मों में दुख दिया हो... फील करेंगे, बापदादा से प्यार की किरणें निकल, मुझ में समा कर, इन सर्व आत्माओं को मिल रही हैं.... यह सर्व आत्माएं प्यार की किरणों से भरपूर हो रही हैं... इन आत्माओं ने जाने-अनजाने, स्वभाव संस्कार वश या परिस्थिति वश मुझे दुख दिया हो.. इनमें इनकी कोई गलती नहीं है! मैं इन्हें अनकंडीशनली माफ करता हूं, क्षमा करता हूं... एक मिनट तक हम यह प्यार की किरणें इनको देते रहेंगे...... यह आत्माएं प्यार की किरणों से भरपूर हो, मुझे दिल से दुआएं दे रही हैं.... हमारा पूरा कार्मिक अकाउंट समाप्त हो चुका है....

अभी हम सूक्ष्म वतन में इमर्ज करेंगे उन आत्माओं को, जिनको जाने-अनजाने हमने दुख दिया हो... वह चाहे इस जन्म में हो या पिछले कोई जन्मों में हो.. देखेंगे इन आत्माओं को....
फील करेंगे, परमात्मा से प्यार की किरणें निकल, मुझ में समा कर, इन सर्व आत्माओं को मिल रही हैं... हम दिल से इनसे माफी मांगते हैं... जाने-अनजाने हमने आपको दुख दिया है.. मुझे माफ कर दीजिए!! मैं आपसे दिल से क्षमा मांगता हूं! हम यह प्यार की किरणें इन आत्माओं को देंगे...... मुझे दिल से दुआएं दे रही हैं... मेरा संपूर्ण कार्मिक अकाउंट इनके साथ निल हो चुका है.... मैं सर्व बंधनों से मुक्त हो चुका हूं... मेरे सर्व कार्मिक अकाउंट, हिसाब-किताब नष्ट हो चुके हैं....

अभी सूक्ष्म वतन में सामने इमर्ज करेंगे हम उन आत्माओं को, जो हमारे परिवार में हैं.... हमारे भाई, बहन, जो भी आत्माएं हैं, इन्हें इमर्ज करें.. इनके साथ हम इमर्ज करेंगे हमारे सर्व संबंध, हमारे सर्व रिलेशनशिप्स, जो हमारे संबंध संपर्क में आते हैं.. वह हमारे फ्रेंड सर्कल हों, या कोई कर्म क्षेत्र में कलीग्स हों, इन सर्व आत्माओं को एक साथ इमर्ज करेंगे... और फील करेंगे, परमात्मा शिवबाबा से मुझ में प्यार की किरणें समा रही हैं... और इन सर्व आत्माओं को मिल रही हैं... इन सर्व आत्माओं को बापदादा मुझ द्वारा प्यार की किरणों का दान दे रहे हैं.... यह आत्माएं प्यार की किरणों से भरपूर हो रही हैं... संपूर्ण तृप्त हो रही हैं... यह परमात्म प्रेम निस्वार्थ प्रेम है!! सच्चा प्रेम है!!

यह सर्व आत्माएं मुझे और परमात्मा शिवबाबा को दिल से दुआएं दे रही हैं... यह सर्व आत्माएं वही आत्माएं हैं, जिनका कुछ न कुछ कार्मिक अकाउंट हमारे साथ जुड़ा हुआ है.... वह चाहे सुख का हो, या दुख का हो! यह सर्व आत्माएं मेरे भाई बहन हैं, यह बहुत अच्छे हैं! यह हमेशा हमें हेल्प करते हैं! दिल से इनका धन्यवाद करें!! इनके मन में हमारे प्रति शुभभावना है... यह हमें दिल से अपना समझते हैं! दो मिनट हम इन आत्माओं को इसी रूप में सकाश देंगे..... बापदादा से प्यार की किरणें निकल, मुझमें समा कर, इन सर्व आत्माओं को मिल रही हैं.... ओम शांति......

अभी बुद्धि रूपी नेत्र के सामने हम इमर्ज करेंगे संसार की सर्व आत्माओं को, पृथ्वी के पूरे ग्लोब को.... और फील करेंगे, निरंतर शिवबाबा से सुख-शांति की किरणें निकल, मुझ आत्मा में समा कर, इस सारे ग्लोब को मिल रही हैं... और संसार की सर्व आत्माओं को यह सुख और शांति की किरणें मिल रही हैं... और इनके मन के सर्व दुख, अशांति, कष्ट, रोग सब नष्ट हो रहे हैं... समाप्त हो रहे हैं....

ओम शांति।