BRAHMA KUMARIS WORLD SPIRITUAL UNIVERSITY


Home

अमृतवेला

Contact Us


17.01.2015

होली हंस आत्मा की पावर हॉउस से रूहरिहान

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ?

मैं होली हंस आत्मा हूँ। ज्ञान के रतन और प्यार के मोती मेरा भोजन है। मैं पावर हॉउस से कनेक्ट होकर परखने की शक्ति से स्वयं को भरपूर कर रही हूँ।

मैं किसकी हूँ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। मैंने ये जान लिया है कि माया बड़ी चालाक है। ख़ासकर अमृतवेले, माया मुझे आपसे दूर करने की कोशिश करती है। माया मुझे बहानेबाजी के खेल खिलाकर ललचाती है। साथ-साथ वो, अलबेलेपन और आलस्य के भिन्‍न-भिन्‍न रूपों से चाल चलती है। मुझे अब समझ आ गया है कि माया कैसे आती है। इसलिये, मैं माया से दूर ही रहती हूँ। आपके संग का गोल्डन चान्स पाकर मुझे सब कुछ मिल गया है, बाबा।

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। परखने की शक्ति से तुम्हारी जीवन यात्रा आसान हो जाती है। तुम ये ध्यान रखो कि माया तुमसे तुम्हारा सहज योगी जीवन छीन न ले। माया तुम्हारा भोलापन वा भगवान द्वारा मिली हुई परखने की शक्ति रूपी सौगात चुरा न ले। माया से अपनी संभाल करो। परखने की शक्ति परमात्मा की गिफ़्ट है, जो तुम्हारे लिये छत्रछाया है। माया की परछाई पड़ने पर छतरी उड़ जाती है और सिर्फ छाया रह जाती है। लेकिन पावर हॉउस द्वारा मिली हुई परखने की शक्ति से न ही दुख होता है और न ही धोखा खा सकते हैं। जिसके पास परखने की शक्ति है, वे विपरीत परिस्थितियों में भी सदा सेफ रहते हैं। अमृतवेले के समय चेक करो कि तुम्हारी परखने की शक्ति ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं। इसे अमृतवेले पर सुधार लो, ताकि तुम्हारा सारा दिन शक्तिशाली बना रहे।

बाबा से प्रेरणाएं:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा मे लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स मे मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन मे मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं

तुम सदा स्वयं को विशेष आत्मा समझ, हर एक में विशेषता देखते व वर्णन करते हो। इस कारण तुम सदा ईश्वरीय रायल्टी से चमकते रहते हो और सबके दिलों को दिव्यता से भर देते हो।

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नही फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।