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Enchanted Murli - Hindi

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10 जून, 2015

स्मृति

मीठे बच्चे, तुम ब्राहमणों का सारा मदार साइलेन्स पर है। वो लोग साइन्स के बल से कितना ऊपर जाने की कोशिश करते हैं। यह है साइन्स की अति में जाना। अभी तुम साइलेन्स की बति में जाते हो, श्रीमत पर। उनकी है साइन्स, यहाँ तो तुम्हारी है साइलेन्स। बच्चे जानते हैं आत्मा तो स्वयं शांत स्वरूप है। इस शरीर द्वारा सिर्फ पार्ट बजाना होता है। कर्म बिगर तो कोई रह न सके। बाप कहते हैं अपने को शरीर से अलग आत्मा समझ बाप को याद करो तो तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे।

मीठे बाबा, सारा दिन मैं इस स्मृति की पुष्टि करता रहूँगा कि असल में मैं शांत स्वरूप हूँ। मैं आत्मा शरीर से भिन्न हूँ और आपको अपने घर में याद करती हूँ। इस विधि से मैं साइलेन्स में प्रवेश करता हूँ। सारा दिन मैं इस मीठी शांति का अनुभव लंबे समय तक करता हूँ।

स्मृर्थी

ऊपर की स्मर्ती से प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर सशक्त अनुभव कर रहा हूँ। मुझमें इस बात की जागृती आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा रहा है। मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य करता हूँ।

मनो-वृत्ति

बाबा आत्मा से: बाप कहते हैं अब सर्विस में तत्पर रहो। घर-घर में प्रदर्शनी खोलो। इन जैसा महान पुण्य कोई होता नहीं। किसको बाप का रास्ता बताना, इन जैसा दान कोई नहीं।

सेवा की वृत्ति अपनाने का मेरा दृढ़ संकल्प है। मै आत्माओं की सेवा, उन्हें बाबा से कैसे जुड़ा जा सकता है, यह दिखा कर करूँगा। सेवा की वृत्ति मुझे पुण्य आत्मा बना देती है।

दृष्टि

बाबा आत्मा से: नम्रता रूपी कवच द्वारा व्यर्थ के रावण को जलाने वाले सच्चे, सहयोगी भव।

आज मैं विनम्रता की दृष्टि बनाए रखता हूँ। मैं किसी की भी कमियों को नहीं देखता हूँ। अगर कोई मेरी निंदा करता है या मेरा अपमान करता है तो भी मैं विनम्र रहता हूँ। मेरी विनम्रता की दृष्टि टकराव की आग को शीतल कर देती है। मैं प्रत्येक को स्नेहमय और सहयोगी के रूप में देखता हूँ।

लहर उत्पन्न करना

मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है। उपर की स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश दूँगा।