Home

Enchanted Murli - Hindi

Contact Us


 

16 जून, 2015

स्मृति

मीठे बच्चे, अंदर में यह रहता है कि हम नये विश्व का मालिक बनूँगा। अभी हम स्वर्ग द्वार जाते हैं। अपनी दिल से सदैव पूछते रहो, हमारे में कितना फर्क है ? बाप ने हमको अपना बनाया है, हम क्या से क्या बनते हैं।

मीठे बाबा, सारा दिन मैं इस स्मृति की पुष्टि करता रहूँगा कि मैं नई दुनिया का मलिक बनने वाला हूँ। मैं बार बार यह याद करता हूँ कि बाबा ने मुझे अपना बनाया है। मैं इस साधारण लेकिन शक्तिशाली विचार का प्रभाव देखता हूँ।

स्मृर्थी

ऊपर की स्मर्ती से प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर सशक्त अनुभव कर रहा हूँ। मुझमें इस बात की जागृती आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा रहा है। मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य करता हूँ।

मनो-वृत्ति

बाबा आत्मा से: बस पढ़ना और पढ़ाना है, यह अंत तक चलना है। यह अंदर बुद्धि में पढ़ाई गूँजती रहती है। जितना जो पढ़ेगा, उतनी उनको खुशी भी रहेगी। पढ़ाई पर ही मदार है। पढ़ाई से मनुष्य कितना ऊंच बनते हैं। जिसकी तकदीर में है उनकी दिल पढ़ाई में लगती है।

जीवन भर विद्यार्थी बनकर रहने की वृत्ति अपनाने का मेरा दृढ़ संकल्प है। ऐसा करने के लिए, मैं प्रिंस प्रिंसेस बनने के लिए राजयोग की पढ़ाई पर ध्यान देता हूँ। मेरे हृदय और वृत्ति से, बाबा के साथ पढ़ाई कर श्रेष्ठ बनने का मेरा दृढ़ संकल्प है।

दृष्टि

बाबा आत्मा से: फिर हम समय पर अपने महल जाकर बनायेंगे- नई दुनिया में। बाप दिखाते हैं तुम फिर ऐसे सोने के महल बनायेंगे। वहाँ तो सोना बहुत रहता है। बाप तुम्हें अथाह धन देते हैं। स्वर्ग सोना है और नर्क पत्थर है।

आज मेरी दृष्टि में मैं नई दुनिया के सोने के महल देखता रहूँगा। मैं पुरानी दुनिया में हूँ लेकिन इसको देखता नहीं हूँ। मैं अपनी दृष्टि में केवल नई दुनिया के खज़ानों को रखता हूँ।

लहर उत्पन्न करना

मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है। उपर की स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश दूँगा।