18
मई,
2015
स्मृति
मीठे बच्चे: मैं
तुम्हें राज्य- भाग्य देता हूं। क्या तुमने कभी
पहले ऐसा बाबा देखा है
? ऐसे बाप को पूरा याद
करना चाहिऐ। तुम उसे इन आंखों से नहीं देख सकते।
तुम्हारा उनके साथ योग होना चाहिऐ। ज्ञान और योग
बहुत सहज है। तुम्हें बीज और झाड़ को जानना है।
निराकारी झाड़ से तुम साकारी झाड़ में आए हो।
मीठे बाबा, पूरे दिन मैं इस
स्मृति की पुष्टि करता रहूंगा कि मैं सतयुग का और
ब्रहमाण्ड का मालिक था। मैं आप, निराकारी बीज को याद
रखूंगा और स्वयं को आपके पास निराकारी झाड़ में
स्थित करूंगा।
स्मृर्थी
ऊपर की स्मर्ती से
प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर
सशक्त अनुभव कर रहा हूँ। मुझमें इस बात की जागृती
आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा
रहा है। मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी
स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस
परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य
करता हूँ।
मनो-वृत्ति
बाबा आत्मा से: मैं
तुम्हें फिर से रिलीजस और मोस्ट पावरफुल बनाता
हूं। स्वर्ग बनाना तो पावरफुल का काम है। परन्तु
है गुप्त। तुम इनकॉगनीटो वारियर्स हो। बाप का
बच्चों पर बहुत प्यार होता है।
गुप्त रहने और
मास्टर सर्वशक्तिमान की वृत्ति अपनाने का मेरा दृढ़
संकल्प है। जो मुझे चला रहा है उसकी और मुझे पूरा
ध्यान देना है और मैं गुप्त वारियर हूं।
दृष्टि
बाबा आत्मा से:
साक्षात्कार की भी जादूगरी है। जब नौधा भक्ति करते
हैं तो मैं साक्षात्कार कराता हूं। जैसे काली का
रूप दिखलाते हैं,
उन पर फिर तेल चढ़ाते हैं। बाप समझाते हैं कि यह साक्षात्कार की चाबी
मेरे हाथ में है। अल्पकाल के लिए भावना पूरी करने
के लिए साक्षात्कार करा देता हूं। परन्तु वह कोई
मेरे से नहीं मिलते। निश्चय ज्ञान और योग से बैठता
है, साक्षात्कार से
नहीं।
आज मेरा दृढ़ संकल्प
है मेरी दृष्टि में मैं जादूगर बाबा को,
जो साक्षात्कार कराने वाला हैं, उनको रखूंगा। जो
आत्माऐं भक्ति कर रही हैं उनको देखते हुए मैं बाबा
को देखता हूं जिनके पास साक्षात्कार कराने की चाबी
है।
लहर उत्पन्न करना
मुझे शाम
7-7:30 के योग के
दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की सुंदर
लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा सेवा
करनी है। उपर की स्मृर्ति,
मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर मैं
पूरे विश्व को सकाश दूँगा।