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Enchanted Murli - Hindi

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20 मई, 2015

स्मृति

मीठे बच्चे: मुझे पतित पावन कहते हैं । रहते कितना साधारण हैं और समझाते हैं: मैं इन साधुओं आदि सबका बाप हूँ ।जो भी शंकराचार्य आदि हैं, इन सबकी आत्माओं का मैं बाप हूँ । शरीरों के जो बाप हैं वह तो हैं ही, मैं हूँ आत्माओं का बाप । अभी वह यहाँ सम्मुख बैठे हैं ।
मीठे बाबा, सारा दिन मैं इस स्मृति की पुष्टि करता रहूँगा कि मैं आपके सम्मुख बैठा हूँ । आप मेरे पिता हो और पतित पावन हो । मैं देही अभिमानी बन कर रहूँगा, आपको याद करूंगा और आपकी श्रीमत का पालन करूंगा ।

स्मृर्थी

ऊपर की स्मर्ती से प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर सशक्त अनुभव कर रहा हूँ । मुझमें इस बात की जागृती आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा रहा है । मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य करता हूँ ।

मनोवृत्ति

बाबा आत्मा से: कभी यह नहीं समझो कि ब्रहमा आपको यह सब कह रहे हैं । हमेंशा समझों कि शिवबाबा आपको यह सब कह रहें हैं । तुम्हें शिवबाबा के लिए रिगार्ड रखना है ।
मैं बापदादा के प्रति आदर और रिगार्ड की वृत्ति रखता हूँ और याद करता हूँ कि ब्रहमा बाबा मेरी आध्यात्मिक यात्रा पर मुझे बहुत प्रोत्साहित करते हैं । यह जानते हुए कि शिवबाबा मुझे पढ़ा रहे हैं मैं बहुत नम्रचित्त बन कर सुनता हूँ ।

दृष्टि

बाबा आत्मा से: बहुत से बच्चे हैं जो “शिवबाबा, शिवबाबा” कहते रहते हैं । उनकी अंत मति सो गति हो जाऐगी । अभी राजधानी स्थापित हो रही है ।

मैं याद रखूंगा हूँ कि राजधानी स्थापित हो रही है । मैं हरेक को उदार और करूणामय दृष्टि से देखता हूँ । अपनी मंज़िल को निगाहों में रखकर साक्षी दृष्टा होकर मैं हरेक आत्मा के पार्ट को देखता हूँ ।

लहर उत्पन्न करना

मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है । उपर की स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश दूँगा ।