Home

Enchanted Murli - Hindi

Contact Us


 

31 मई, 2015

स्मृति

आज बापदादा अपने सर्वश्रेष्ठ महान पुण्य-आत्माओं को देख रहे हैं। आप पुण्य आत्माओं व महादानियों को डायरेक्ट बाप द्वारा प्रकृति-जीत, मायाजीत की विशेष सत्ता मिली हुई है। आपको अथॉरिटी मिली हुई है, सर्व अधिकार मिले हुए हैं उसको यथार्थ रीति से सत्ता की वैल्यू को जानते हुए उसी प्रमाण यूज़ नहीं करते। छोटी-छोटी बातों में अपने अलबेलेपन के ऐश-आराम में या व्यर्थ सोचने और बोलने में मिसयूज़ करने से जमा की हुई पूंजी व प्राप्त हुई ईश्वरीय सत्ता को जैसे यूज़ करना चाहिए वैसे नहीं कर पाते। नहीं तो आपका एक संकल्प ही बहुत शक्तिशाली है। आपका एक संकल्प एक स्विच है जिसको ऑन कर सेकण्ड में अंधकार मिटा सकते हो।

मीठे बाबा, सारा दिन मैं इस स्मृति की पुष्टि करता रहूँगा के मैं एक महान, पावन और पुण्य आत्मा हूँ। मैं हर सेकंड अपने पुण्य का खाता बढ़ाऊँगा और प्रत्येक विचार और सेकंड को उसकी कीमत जानते हुए प्रयोग में लाऊंगा। आपसे डायरेक्ट मिली हुई विशेष अथॉरिटी का प्रयोग करके मैं प्रकृति-जीत और मायाजीत बनता हूँ। इस शक्तिशाली विचार से मैं अंदर के अंधकार और नकारात्मकता को विदाई दे देता हूँ।

स्मृर्थी

ऊपर की स्मर्ती से प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर सशक्त अनुभव कर रहा हूँ। मुझमें इस बात की जागृती आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा रहा है। मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य करता हूँ।

मनो-वृत्ति

बाबा आत्मा से: पुण्य आत्मा अर्थात सदा बाप समान विश्व-कल्याणकारी। वह हर सेकेंड और हर संकल्प में कल्याणकारी होगा। वह अपनी रहमदिल किरणों द्वारा चारों ओर के दु:ख अशान्ति के अन्धकार को दूर करने वाला होगा।

विश्व कल्याणकारी की वृत्ति अपनाने का मेरा दृढ़ संकल्प है। हर पल में, हर संकल्प में मैं कल्याणकारी वृत्ति रखता हूँ। मैं अपने ह्रदय में प्रत्येक आत्मा के लिए दया की भावना रखता हूँ।

दृष्टि

बाबा आत्मा से: पुण्य आत्मा अर्थात सदा उनके नयनों में बापदादा की मूर्त और सूरत से बापदादा की सीरत दिखाई दे।

मेरा ह्रदय सिर्फ एक की ओर ही आर्कषित है। चुम्बकीय आर्कषण के जादू से मेरी दृष्टि परिर्वतित हो जाती है। मेरी दृष्टि के माध्यम से आत्माऐं बापदादा को देख व अनुभव कर सकती हैं।

लहर उत्पन्न करना

मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है। उपर की स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश दूँगा।